Screen Reader Access Skip to Main Content Font Size   Increase Font size Normal Font Decrease Font size
Indian Railway main logo
खोज :
Find us on Facebook   Find us on Twitter Find us on Youtube View Content in English
National Emblem of India

हमारे बारे में

उत्तर रेलवे मुख्यालय

डिविजन्स

यात्री और माल यातायात सेवाएँ

समाचार एवं भर्ती सूचनाएँ

निविदाएं

हमसे संपर्क करें



 
Bookmark Mail this page Print this page
QUICK LINKS
विशिष्ट एवम रोमांचकारी

एक अनोखी और वैभवपूर्ण रेल सेवा

उत्तर रेलवे का दिल्ली छावनी स्टेशन विश्व की एक अनोखी और वैभवपूर्ण रेलयात्रा का प्रारम्भिक/प्रस्थान बिन्दु है ।

26 जनवरी, 1982 को राजस्थान पर्यटन विकास निगम के सहायोग से प्रारम्भ हुई पैलेस ऑन व्हील्स रेलगाड़ी में राजस्थान के तत्कालीन शाही राज्यों के पर्सनल कैरिज/सैलून है । 9 वर्ष तक इन कोचों को चलाने के उपरांत 1991 में इनके स्थान पर नए वातानुकूलित कोच लगाए गए । इन नए कोचों की भीतरी साज-सज्जा को पुराने सैलूनों की भव्यता के अनुसार रखा गया । इस क्षेत्र में आमान परिवर्तन (गेज परिवर्तन) हो जाने के बाद पैलेस ऑन व्हील्स को भी ब्रॉड गेज में तब्दील कर दिया गया ।

जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, सवाई माधोपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भरतपुर और आगरा की सात दिवसीय यात्रा पर पर्यटकों को ले जाने वाली इस रेलगाड़ी में 14 सैलून और 2 डायनिंग कार हैं । जिन्हें भाप के इंजन से खींचा जाता है । यह रेलगाड़ी सितम्बर से अप्रैल तक प्रति सप्ताह अपनी सेवा प्रदान करती है । मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई इस रेलगाड़ी के प्रति अब भारतीय पर्यटक भी आकर्षित हो रहे हैं ।

अधिक जानकारी के लिए www.palaceonwheels.comपर जाएं ।

पैलसे ऑन व्हील्स रेलगाड़ी को ब्रॉड गेज के रूप में तब्दील कर  देने के बाद मीटर गेज की इस रेलगाड़ी को गुजरात पर्यटन विकास निगम के सहयोग से गुजरात और राजस्थान के विभिन्न स्थानों की सैर करने के लिए रॉयल ऑरिएण्ट एक्सप्रेस में परिवर्तित कर दिया गया । शाही अंदाज वाली इस साप्ताहिक यात्रा में पर्यटकों को चित्तौड़गढ, उदयपुर, मोधेरा, अहमदाबाद, गिर वन, अहमदपुर, माण्डवी, दीव, पालीताना और जयपर का भ्रमण कराया जाता है । इस पैकेज में यात्रा, दृश्यावलोकन और खानपान व्यय शामिल हैं ।

फेयरी क्वीन भाप के इंजन से चलने वाली दुनिया की सबसे पुरानी रेलगाड़ी है जो आज भी सेवा में है । 1885 में निर्मित इस रेलगाड़ी ने 1908 तक ईस्ट इंडियन रेलवे पर कार्य किया । 1971 तक कोल्ड स्टोरेज में रहने के बाद यह रेलगाड़ी पुन: यात्री सेवा में आई । उस वर्ष इसे राष्ट्रीय रेल संग्रहालय नई दिल्ली में पहली बार प्रदर्शित किया गया ।

1996 में फेयरी क्वीन रेलगाड़ी को दक्षिण रेलवे के पैराम्बूर कारखाने में सम्पूर्ण ओवर हॉलिंग के लिए भेजा गया । रेल पर्यटन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इस रेलगाड़ी को 60 पर्यटकों की क्षमता वाले वातानुकूलित कोच, जिसमें जेनरेटर एवं सर्विस कार भी शामिल था, को खींचने के अनुरूप तैयार किया गया ।

18 जुलाई, 1997 को भाप युग की इस दुर्जेय विरासत ने दिल्ली छावनी से अलवर तक सरिस्का अभ्यारण्य स्थित टाइगर सफारी की यात्रा की । 13 जनवरी, 1998 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसे दुनिया के सबसे पुराने और अब भी सेवा में रहने वाले भाप चालित इंजन के रूप में मान्यता दी । 25 जनवरी, 1999 को भारत के प्रधानमंत्री ने इसे सबसे आधुनिक और अनोखी पर्यटक परियोजना घोषित किया ।फेयरी क्वीन सर्दियों में प्रत्येक वर्ष अक्टूबर से मार्च तक सप्ताहांत पैकेज यात्रा पर निकलती है ।

यह ट्रैक कालका से 640 मीटर की ऊंचाई से उठकर शिमला की 2060 मीटर की ऊंचाई तक पहुंता है । खिलौना रेलगाड़ी धीरे-धीरे अपना रास्ता पकड़ते हुए निचले हिमालय की पहाड़ियों तक पहुंचती है । पहाड़ की तलहटी में हमें कौशल्या नदी का सुन्दर दृश्य दिखता है और सुन्दर बगीचों और छतों वाले छोटे स्टेशन वे-कोटि, बड़ौग, कनोह आदि मिलते हैं। कोटी सुरंग से गुजरते समय कोट की जरूरत पड़ती है और जबली से गुजरते समय ठण्डी हवा हमें जेब करती है । यह समुद्र तल से 1240 मीटर ऊपर है ।

उत्तर का एक अन्य हिल सैक्शन पठानकोट-जोगिन्दर नगर सैक्शन है जो हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी तक रेल सम्पर्क उपलब्ध कराता है । कांगड़ा घाटी न केवल पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों का ध्यान आकर्षित करती है बल्कि यह धार्मिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण जगह है क्योंकि यह अनेक देवी, देवताओं की भूमि< है । यहां यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए एक नई शानदार नैरोगेज रेलगाड़ी कांगड़ा क्वीन इस सैक्शन पर शुरू की गई है ।

               

अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए, नीचे लिखे पते पर सम्पर्क करें :-

प्रबन्धक
अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक ब्यूरो,
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन,
नई दिल्ली-110001
फोन: 91-11-3345156, 3346804.




Source : उत्तर रेलवे / भारतीय रेल पोर्टल CMS Team Last Reviewed : 29-06-2012  


  प्रशासनिक लॉगिन | साईट मैप | हमसे संपर्क करें | आरटीआई | अस्वीकरण | नियम एवं शर्तें | गोपनीयता नीति Valid CSS! Valid XHTML 1.0 Strict

© 2010  सभी अधिकार सुरक्षित

यह भारतीय रेल के पोर्टल, एक के लिए एक एकल खिड़की सूचना और सेवाओं के लिए उपयोग की जा रही विभिन्न भारतीय रेल संस्थाओं द्वारा प्रदान के उद्देश्य से विकसित की है. इस पोर्टल में सामग्री विभिन्न भारतीय रेल संस्थाओं और विभागों क्रिस, रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बनाए रखा का एक सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम है.